Hindi Poetries and Quotes(6)












राधा पूछे कान्हा से, क्यूं छोड़ जाते हो तन्हा

तुझमें ही तो समाया हूं में, ये जवाब देता है कान्हा।

राधा पूछे कान्हा से, क्यूं देखते हो कहीं और तुम

हर एक जीब में तुझसे ही मिलूं, ओ राधे! काहे हो बैचैन तुम।

राधा पूछे कान्हा से, क्यूं अधूरा है प्रेम हमारा

अधूरे नहीं हम एक हैं प्रिए, सच्चे प्रेम की यही है धारा।




************************************************

नाराज ही सही अपनी नाराजगी तो जताया कर

इस बिरान दिल में अपनी महजुदगी तो जताया कर

हवा की सरसराहट में भी सुनाई देती है तेरी आहट

दर्द देने के बहाने ही सही कभी मुझसे मिल लिया कर

************************************************

 प्यार के छांव में मुझे रहना है तेरे
 हर सुख दुख साथ सेहना है तेरे

 चाहे उठे जिन्दगी में कितने भी तूफान
 अब तू है पटवार और में नाव हूं तेरे।

**********************************

मुंह क्यूं फेर रखा है चांद, क्या तू मुझसे खफा है,
इंतजार में बैठी हूं उनके, आनेवाले वो पहली दफा है।

रूठा ना कर तू बता मुझे, क्या करूं जो उनको पसंद आए,
बेइंतहा इश्क़ तो है उनसे, फिर भी क्यूं दिल ये घबराए।

देख तू अब ये नखरे ना कर, सितारों से बात तुम कर लेना,
जब वो आए तो सब मिलके, दुल्हन की तरह मुझे सजा देना।

*****************************************************

तेरे नाम से जुड़ना मुझे अच्छा लगता है
तेरा रूठके फिर मान जाना मुझे अच्छा लगता है

प्यार जताके इजहार ना करना मुझे अच्छा लगता है
तू हर पल मुझे याद आना मुझे अच्छा लगता है।

******************************************

उस करिश्में का इंतजार आज भी है

क्यूं की तुमसे प्यार बेशुमार आज भी है।

जमाने की नजर से अब डरना कैसा

कई घाव सीने में जिंदा आज भी है।

तुम आओगे चिराग बनके ये यकीं है मुझे

लेकिन आदत अंधेरों की मुझे आज भी है।

बारिश की बूंदों से भी मिट तो जाएगी प्यास

मगर, सागर का इंतजार तो आज भी है।

क्यूं ना हो तुमसे इतनी सारी उम्मीदें

क्यूं की तुमसे प्यार बेशुमार आज भी है।

***********************************

प्यार के नाम पर ये कसम खाएं
एक दूजे का साथ हर हाल में निभाएं
समाज क्या अगर मौत भी आजाए
हमे एक पल भी जुदा ना कर पाए।

************************************

कल ख्वाब में तू मिलने आया था मुझसे
इसी बहाने दो चार बात हो गई,

बरसो से देखी नहीं थी सूरत तेरी
इसी बहाने तुझसे मुलाकात हो गई।

********************************

फुल बिखरे हैं चारो तरफ
खुशबू से मेहकी है सारा जहां

किसने दस्तक दी मेरे दिल पर
जो पतझड़ में भी है बहार का समा।

*******************************

थोड़ा ठहर जाओ साजन अब के बार
मिलना तुम बछड़ने का मौसम जाने के बाद

कड़वी यादों की हवा बेह जाने के बाद
झूठी वादों का रंग छूट जाने के बाद

***********************************

तुमसे ज्यादा तुम्हारा खयाल अच्छा है

क्यूं नाराज हूं,तुम्हारा ये सवाल अच्छा है

मन की अपनी तो करते हो तुम

ऊपर से बेवजह ये बबाल अच्छा है।

**************************************

Post a Comment

0 Comments