दिल नही भरता किनारों पर भटकने से
एक बार समंदर में डुबकी लगा ही लूं
दिल नहीं भरता प्यार के किस्से सुनने से
एक बार प्यार करके देख लूं।
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दिल नहीं भरता, तुम्हे प्यार करने से
जमाना हमें तुम्हारा दीवाना कहने लगा है,
फुरसत कहां है हमें, नौकरी ऐ इश्क से
जमाना अब हमें निकम्मा समझने लगा है।
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चांद तू क्यूं दूर है, रात हूं मै अमावस का
तू ही तो है चाहत मेरी, तुझसे ही है मेरी पूर्णता।
असम्भव है हमारा मिलन, फिर भी राह देखूं मैं
एक बार दूरी मिटा कर देख, मै रात बन जाऊं पूनम का।
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ये रात है की, खुद से बेखबर है
इसका साथ पाने को दिल ये बेसबर है
तनहाई का जाम पिलाके ये मुझे
करे इसके लिए बेकरार है
ये रात है कि खुद से बेखबर है।
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इश्क़ और अश्क में फर्क ना समझेंगे, हमें अंदाजा ना था
किसीको ऐसे टूट कर चाहेंगे, हमें अंदाजा ना था
कर मोहब्बत उनसे अपने पर सितम ढाएंगे, हमें अंदाजा ना था
उसे आपनाकर खुद को पराया कर देंगे, हमें अंदाजा ना था।
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आओ हम बिछड़ जाएं
एक दूसरे को थोड़ा और आजमाएं
मिलने की ख्वाहिश रखते हैं सब
हम बिन मिले ही इश्क़ का हर रस्म निभाएं।
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माना कि, काफी लंबा है तेरे घर से मेरे घर की दूरियां
फिर भी कोई जुगाड़ तुम ढूंढ लो ना
माना कि, कई दीवारें हैं तेरे मेरे दरमियां
फिर भी कोई जुगाड़ तुम ढूंढ लो ना ।
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प्यार हो या नफरत कुछ तो रहे
तेरे मेरे बीच कुछ तो रहे
में तेरा हूं तू मेरी ना सही ये बात तो रहे
तेरे मेरे बीच कुछ तो रहे
तू आग बन ठहर मै पतंगा बन जलूं ,
पर कुछ तो रहे
मै लब्ज बनती रहुं ,तू कोरा कागज बन
मै लिखती रहुं और तू मिटाता रहे
तेरे मेरे बीच कुछ तो रहे।
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प्यार तो था मगर शर्तों की कैद में
आजादी जकड़ी हो जैसे लोहे की बेड़ियों में
आइना को तो सच बोलना ही था
चाहे तोड़ दो उसे लाखो टुकड़ों में
दूर थे, मसरूफ थे ,कई बहाने थे
करीब का नजारा जैसे रंग मिला था पानी में।
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नाम तेरा कैसे में बतादुं जमाने को
बदनाम करने वाले यहां बहुत मिलेंगे
जो बगिया में अभी बाहर आनी है
उसे उजाड़ने को तैयार यहां बहुत मिलेंगे।
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