Hindi Poetries and Quotes(3)

 














टूटे हैं इस तरह के हम, शायद फिर ना जुड़ पाए

अब जुड़े तो किस काम के, जब दिल के टुकड़े हो गए।

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क्यों बार बार तू सताए मुझे, मेरी यादों में आए तड़पाए मुझे

फैसला तेरा था और मान मैंने लिया, फिर किस बात का कर्ज चुकाना है मुझे।

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तुमसे मेरा मिलना जैसे, कोई साजिश थी खुदा की

कभी मिले भी नहीं फिर भी बिछड़ ना सके

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 हर सजा मंजूर था हमें, तुमने तो बेगुनाही का इल्ज़ाम दिया

कभी रूह में उतारा था हमें, आज फिर दिल से क्यूं निकाल दिया।

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कहने को तो समय रुकता नहीं है

मगर जिस पल कोई अपना बिछड़ जाए,

उसके बाद समय तो आगे बढ़ता भी नहीं है

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खत्म होता ही नहीं, तेरे यादों का रेगिस्तान, सफर कोई और तय करूं कैसे

जिस और देखूं बस तेरे निशां मिले, कदम कहीं और में रखूं कैसे।

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जिंदगी तू अजनबी क्यूं, क्या थी कमी तुझे अपनाने में

हर लम्हा ये बेरुखी क्यूं, क्या थी कमी तुझे चाहने में।

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फिर से ना मिला कर तू बिछड़ने के वास्ते

ऐ राहगुजर ना तू ठहर अब अलग हैं मेरे रास्ते।

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काश हमे पता होता तेरे दिल का राज

हम भी छलते,हम भी खेलते तेरे दिल के साथ।

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दिल सुधर जा अब बिगड़ने को बाकी क्या है

तबाह है उमीद की बस्ती अब उजड़ने को बाकी क्या है


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