चिंटी और टिंडा की कहानी

 

एक समय की बात है, एक मेहनती चींटी और एक आलसी टिड्डा साथ साथ जीवन जी रहे थे। सर्दियों का समय आने पर, चींटी अपने आशय के लिए खाना जमा करने में लगा हुआ था, जबकि टिड्डा बस आने वाले समय का मजा लेने का सोच रहा था।

 

टिड्डा ने चींटी से कहा, "तुम्हे सर्दी नहीं लगती है क्या ? बहुत ठंड है,मौसम बहुत ख़राब है।"

 

चींटी हँसते हुए उत्तर दिया, "मैं अपने भविष्य के लिए सोच रहा हूँ। जब मौसम बदलेगा और खाना मिलना मुश्किल हो जाएगा, तब मेरे पास पहले से ही खाना होगा।"

 

जब सर्दियाँ बीतीं और गर्मी आई, तब टिड्डा को भूख लगी। उसने चींटी से कहा, "मुझे खाना दे, मैं बहुत भूखा हूँ।"

 

चींटी हँसते हुए जवाब दिया, "तुमने जो मौसम के मजे उठाए, उसी बजह से तुम्हारी आज की स्थिति ऐसी है। सही समय पर अगर सही काम करते तो तुम आज भूखे नहीं होते। मैंने मेहनत किया और अपना भविष्य सुरक्षित किया।"

 

इससे हमे यह सिख मिलती है की, मेहनती हमेशा आगे बढ़ता है, जबकि आलसी को हमेशा समस्याएँ आती हैं।

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